रक्षा प्रतिरक्षा
एनएवीडीईएक्स 21 और आईडीईएक्स 21
चर्चा में क्यों?
- भारतीय नौसेना का जहाज INS प्रलय NAVDEX- 21 और IDEX-21 में भाग लेने के लिए आबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात पहुंचा है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- स्वदेश निर्मित प्रबल क्लास मिसाइल वैसल के दूसरे जहाज INS प्रलय को दिसंबर 2002 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था।
- गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में स्वदेश में निर्मित यह जहाज भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की क्षमताओं का प्रमाण है और यह एक बहुमुखी मंच है जो विभिन्न प्रकार के युद्ध मिशन को अंजाम देने में सक्षम है ।
- इस क्षेत्र की अग्रणी अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक और रक्षा प्रदर्शनियों में से एक NAVDEX- 21 और IDEX-21 में आईएनएस प्रलय की भागीदारी का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत के स्वदेशी जहाज निर्माण की ताकत को प्रदर्शित करना है।
भारत-यूएई के बीच रक्षा संबंध
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच रक्षा संबंध आबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा के बाद से ही तेज़ी से बढ़ रहे हैं जब जनवरी 2017 में यूएई के शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे और द्विपक्षीय संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ में अपग्रेड किया गया था।
- दोनों नौसेनाओं के बीच संपर्क एवं बातचीत बढ़ाने की दिशा में भारतीय नौसेना- यूएई नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास गल्फ स्टार-1 का उद्घाटन संस्करण मार्च 2018 में आयोजित किया गया था।
- इस अभ्यास का अगला संस्करण 2021 में आयोजित किए जाने की संभावना है।
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ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण
चर्चा में क्यों?
- स्वदेश में विकसित ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल प्रणालियों ‘हेलिना’ और ‘ध्रुवास्त्र’ का 19 फरवरी 2021 को सफल परीक्षण किया गया। इसके साथ ही इन मिसाइलों के क्रमशः भारतीय थल सेना और वायु सेना में शामिल किए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
महत्वपूर्ण बिंदु
- इन मिसाइलों का राजस्थान के पोखरण रेंज में परीक्षण किया गया।
- यह प्रणाली सभी मौसम में और दिन या रात में लक्ष्य साधने में सक्षम है और इससे टैंकों को निशाना बनाया जा सकता है।
- न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइलों की क्षमताओं के मूल्यांकन के लिए पांच मिशन संचालित किए गए।
- मिसाइल प्रणालियों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है ।
- हेलिना और ध्रुवास्त्र तीसरी पीढ़ी के लॉक ऑन बिफोर लॉन्च (LOBL) फायर एंड फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हैं, जो डायरेक्ट हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड में भी टारगेट पर निशाना साधने में सक्षम हैं।
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चर्चित पुस्तक
राष्ट्र प्रथम – 82 वर्षों की स्वर्णिम गाथा
चर्चा में क्यों?
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नई दिल्ली में “राष्ट्र प्रथम – 82 वर्षों की स्वर्णिम गाथा” पुस्तक का विमोचन किया।
इस पुस्तक में केन्द्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (CRPF) के गरिमामय इतिहास, उसकी सम्पूर्ण यात्रा, चुनौतियों, सफलताओं और समर्पण को दर्शाया गया है।
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योजना/ परियोजना
समग्र इंद्रधनुष अभियान
चर्चा में क्यों?
- सबको टीकाकरण पर जोर देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने समग्र इंद्रधनुष अभियान (IMI) 3.0 लांच किया।
- महत्वपूर्ण बिंदु
- आईएमआई दो चरणों में होगा, पहला चरण 22 फरवरी और दूसरा चरण 22 मार्च को 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 250 जिलों से शुरू होगा।
- आईएमआई 3.0 अभियान पिछले चरणों के लाभ से मिले अनुभवों पर आधारित है और सर्व टीकाकरण की को लक्ष्यों की ओर बढ़ेगा।
- टीकाकरण अभियान के तहत इन्द्रधनुष अभियान के पहले चरण में 690 जिलों को शामिल किया गया है।
- इसके तहत 3.764 करोड़ से ज्यादा बच्चों और 94.6 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया था।
- वर्तमान आठवें अभियान के तहत देश के सभी जिलों में 90 फीसदी तक टीकाकरण करने (FIC) का लक्ष्य रखा गया है।
- इसके जरिए देश की टीकाकरण प्रणाली को मजबूत कर भारत सतत विकास लक्ष्य को हासिल कर सकेगा।
- समग्र इन्द्रधनुष अभियान 3.0 का उद्देश्य सर्व टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत टीकों की पहुंच उन लोगों तक हो जाय, जिन्हें अभी तक उसका लाभ नहीं मिल पाया है।
मिशन इन्द्रधनुष
- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर 2014 को ‘मिशन इन्द्रधनुष’ की शुरुआत की थी।
- मिशन इन्द्रधनुष एक बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम है जो कम टीकाकरण कवरेज वाले 201 ज़िलों में शुरू हुआ था।
- यह यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किये गए 7 रोगों के खिलाफ 7 टीकों का प्रतिनिधित्व करता है। ये रोग हैं-
- तपेदिक (Tuberculosis), पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), डिप्थीरिया (Diphtheria), पर्टुसिस (Pertussis), टेटनस (Tetanus) और खसरा (Measles)
- इसके अलावा खसरा रूबेला (Measles Rubella), रोटावायरस (Rb otavirus), हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी (Haemophilus Influenza Type-B ) और पोलियो (Polio) के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।
- कुछ चुने गए राज्यों और ज़िलों में, जापानी एन्सेफलाइटिस ( (Japanese Encephalitis) और न्यूमोकोकस (Pneumococcus) के खिलाफ भी टीके दिये गए हैं।
- अप्रैल 2015 से जुलाई 2017 के बीच चले इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 25.5 मिलियन बच्चों और 6.9 मिलियन गर्भवती महिलाओं को कवर किया गया।
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मिशन/अभियान
‘गो इलेक्ट्रिक अभियान’
चर्चा में क्यों?
- ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ई-मोबिलिटी के साथ-साथ भारत में इलेक्ट्रिक कुकिंग के फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 19 फरवरी, 2021 को ‘गो इलेक्ट्रिक अभियान’ की शुरुआत की।
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि, गो इलेक्ट्रिक भारत का भविष्य है जो पर्यावरण के अनुकूल, लागत प्रभावी और स्वदेशी इलेक्ट्रिक उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
गो इलेक्ट्रिक अभियान’ का उद्देश्य
- यह अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है जो आने वाले वर्षों में भारत के जीवाश्म ईंधन आयात निर्भरता को कम करने में मदद करेगा और यह हरियाली और स्वच्छ भविष्य की दिशा में एक कदम आगे होगा।
- ‘गो इलेक्ट्रिक अभियान’ का उद्देश्य पैन-इंडिया स्तर पर जागरूकता पैदा करना है और इससे इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के विश्वास प्रोत्साहन मिलने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
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चर्चित स्थान
हैदराबाद
चर्चा में क्यों
- द आर्बर डे फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा हैदराबाद को ‘2020 ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में मान्यता दी गई है।
- यह मान्यता शहरी वनों के संरक्षण के लिए शहर की प्रतिबद्धता को देखते हुए दी गई है।
- हैदराबाद मान्यता पाने वाला देश का एकमात्र शहर है।
- हैदराबाद ने इस कार्यक्रम के दूसरे वर्ष में दुनिया के 51 अन्य शहरों के साथ यह पहचान अर्जित की है, जबकि अब तक मान्यता प्राप्त करने वाला भारत का एकमात्र शहर है ।
- विज्ञप्ति के अनुसार अधिकांश शहर अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों से थे।
खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
- संयुक्त राष्ट्र संघ तंत्र की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है जिसकी स्थापना वर्ष 1945 में कृषि उत्पादकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्तर को उन्नत बनाने के उद्देश्य के साथ की गई थी।
- खाद्य और कृषि संगठन का मुख्यालय रोम, इटली में है।