समारोह/ सम्मेलन
भारत अंतर्राष्ट्रीय रेशम मेला
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने वर्चुअल पोर्टल पर आठवें भारत अंतर्राष्ट्रीय रेशम मेले का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण बिंदु
- इस मेले को भारत का सबसे बड़ा रेशम मेला माना जाता है। कोरोना वायरस महामारी के कारण इस मेले को ‘भारतीय रेशम निर्यात संवर्द्धन परिषद’ (ISEPC) द्वारा वचुर्अल मंच पर आयोजित किया जा रहा है।
- 200 से अधिक विदेशी खरीदार पहले से ही इस मेले के लिये पंजीकृत हो गए हैं।
भारत में रेशम उत्पादन
- रेशम उत्पादन में भारत का लंबा इतिहास है और यह रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत विश्व का एकमात्र देश है, जो रेशम की सभी चार प्रमुख किस्मों- शहतूत, एरी, टसर और मूगा का उत्पादन करता है।
क्या होता है रेशम?
- रेशम एक प्राकृतिक रेशा है। रसायन विज्ञान की भाषा में रेशमकीट के रूप में विख्यात इल्ली (Caterpillar) द्वारा निकाले जाने वाले एक प्रोटीन से यह रेशा बनता है।
- रेशमकीट कुछ विशेष खाद्य पौधों पर पलते हैं तथा अपने जीवन को बनाए रखने के लिये ‘सुरक्षा कवच’ के रूप में कोकून का निर्माण करते हैं।
- रेशमकीट का जीवन-चक्र 4 चरणों- अण्डा (Egg), इल्ली (Caterpillar), प्यूपा (Pupa) तथा शलभ (Moth) में निर्मित होता है।
- रेशम प्राप्त करने के लिये इसके जीवन-चक्र के कोकून चरण में अवरोध डाला जाता है और व्यावसायिक महत्त्व का तंतु (Silk) निकाला जाता है जिससे वस्त्रों का निर्माण किया जाता है।
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भारत एवं विश्व
सतलुज जलविद्युत निगम को नेपाल में मिला कॉन्ट्रेक्ट
चर्चा में क्यों?
- नेपाल सरकार ने भारत के सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) को 679 मेगावाट के लोअर अरुण हाइड्रो प्रोजेक्ट निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट देने का निर्णय लिया है। भारतीय कंपनी को यह कॉन्ट्रैक्ट BOOT मॉडल (बिल्ड, ऑन, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के तहत प्रदान किया गया है।
- प्रस्तावित परियोजना में 679 मेगावाट बिजली उत्पादन की अनुमानित क्षमता है और यह नेपाल के प्रांत 1 के संखुवासभा और भोजपुर ज़िलों में निर्मित की जाएगी।
- एसजेवीएन द्वारा नेपाल में पहले से ही 900 मेगावाट अरुण 3 एचईपी और 217 केएम 400 केवी संबद्ध ट्रांसमिशन प्रणाली का निर्माण किया जा रहा है। एसजेवीएन के कोष में लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना के जुड़ाव के साथ, इसकी निवेश सूची अब 8960.5 मेगावाट हो चुकी है।
इंडो-फ्रेंच ईयर ऑफ एन्वायरनमेंट
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में भारत और फ्रांस ने सतत् विकास के क्षेत्र में मज़बूत सहयोग और वैश्विक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने के लिये ‘इंडो-फ्रेंच ईयर ऑफ एन्वायरनमेंट’ नाम से एक संयुक्त पहल की शुरुआत की है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- वर्ष 2021-2022 में आयोजित होने वाली यह ‘इंडो-फ्रेंच ईयर ऑफ एन्वायरनमेंट’ पहल मुख्य रूप से पाँच विषयों पर केंद्रित होगी:
(1) पर्यावरण संरक्षण
(2) जलवायु परिवर्तन
(3) जैव विविधता संरक्षण
(4) सतत् शहरी विकास और
(5) नवीकरणीय ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता का विकास।
- यह पहल पर्यावरण और संबद्ध क्षेत्रों में सहभागिता से जुड़े महत्त्वपूर्ण विषयों के बारे में चर्चा करने के एक मंच के रूप में भी कार्य करेगा।
- ज्ञात हो कि भारत ने जलवायु परिवर्तन कार्रवाई की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है और उत्सर्जन तीव्रता में पहले ही 26 प्रतिशत कमी का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
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आदि महोत्सव
चर्चा में क्यों?
- उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 01 फरवरी, 2021 को नई दिल्ली स्थित दिल्ली हाट में राष्ट्रीय जनजातीय पर्व ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण बिंदु
- इसका आयोजन 1 से 5 फरवरी 2021 के बीच जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय आदिवासी सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) द्वारा किया जाता है।
- ‘आदि महोत्सव’ में आदिवासी संस्कृति, हस्त शिल्प, भोजन और उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है।
- यह महोत्सव देश भर के आदिवासियों की समृद्ध और विविध शिल्प एवं संस्कृति को एक स्थान पर प्रदर्शित करने और उसे आम लोगों को जानने का अवसर प्रदान करता है।
- उल्लेखनीय है कि देश की आबादी में कुल 8 प्रतिशत से अधिक जनजातियाँ मौजूद हैं, इसके बावजूद वे समाज के वंचित वर्गों में शामिल हैं। प्राकृतिक सादगी से प्रेरित, उनकी रचनाओं में एक कालातीत अपील है।
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विविध
‘आत्मनिर्भर’: हिंदी वर्ड ऑफ द इयर
- ‘ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज़’ ने ‘आत्मनिर्भर’ शब्द को वर्ष 2020 के लिये ‘हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर’ के रूप में चुना है।
- वर्ष 2019 के लिये ‘संविधान’ को ‘हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर’ के रूप में चुना गया था।
- ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज़ द्वारा घोषित ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ एक ऐसा शब्द अथवा अभिव्यक्ति है, जिसने किसी एक विशिष्ट वर्ष में आम लोगों का काफी अधिक ध्यान आकर्षित किया हो।
कैसे चुना जाता है इसे?
- किसी भी वर्ष के लिये ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ का चयन करने के लिये ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज़ द्वारा अपने भाषा अनुसंधान कार्यक्रम के तहत शब्दों के उपयोग संबंधी आँकड़े एकत्र किये जाते हैं और फिर उपयोग के आधार पर शब्दों का चयन किया जाता है।
- यह शब्द मई 2020 में प्रधानमंत्री ने COVID-19 रिकवरी पैकेज की घोषणा करते हुए आत्मनिर्भऱ भारत की अवधारणा के रूप में दिया था।
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योजना / परियोजना
स्टार्स परियोजना
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की स्टार्स परियोजना (Strengthening Teaching-Learning and Results for States- STARS) के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय मदद हेतु वित्त मंत्रालय और विश्व बैंक के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 अक्तूबर, 2020 को स्टार्स परियोजना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया था।
- विश्व बैंक द्वारा इस परियोजना के लिये 50 करोड़ डॉलर (लगभग 3700 करोड़ रुपए) की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- शेष राशि योजना में भागीदारी कर रहे राज्यों द्वारा उनके अंश के रूप में दी जाएगी।
- स्टार्स परियोजना का क्रियान्वयन शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अंतर्गत नई केंद्रीय सहायता प्राप्त योजना के रूप में किया जाएगा।
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग इस परियोजना के लिये राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
- राज्य स्तर पर परियोजना का क्रियान्वन समग्र शिक्षा की समेकित राज्य क्रियान्वयन सोसाइटी के माध्यम से किया जाएगा।
- स्टार्स परियोजना समग्र शिक्षा के अंतर्गत मौजूदा संरचना में ही क्रियान्वित की जाएगी।
- परियोजना में शामिल राज्य:
- इस परियोजना में छह राज्य- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा शामिल हैं।
- परियोजना में शामिल राज्यों को शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के कदमों के लिये सहायता दी जाएगी।
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चर्चित पुस्तक
‘द लिटिल बुक ऑफ एन्करेजमेंट’
चर्चा में क्यों?
- तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने ‘द लिटिल बुक ऑफ एन्करेजमेंट’ नामक अपनी नई पुस्तक लिखी हैं, जिसमें उन्होंने मानवीय खुशियों को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान के उद्धरण और शब्द साझा किए हैं।
- पुस्तक को रेणुका सिंह द्वारा संपादित किया गया है और पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया गया है।
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कृषि पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन के लिए समर्पित केंद्र (CWCM)
चर्चा में क्यों?
- वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन के लिए समर्पित केंद्र (CWCM) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक संस्था, नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट (NCSCM),चेन्नई में स्थापित किया गया है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- इसकी घोषणा 2 फरवरी 2021 को विश्व वेटलैंड दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, बाबुल सुप्रियो द्वारा की गई थी।
- समर्पित CWCM केंद्र विशिष्ट अनुसंधान आवश्यकताओं और ज्ञान अंतरालों को संबोधित करेगा, भारत के आर्द्रभूमियों पर क्षमता विकास और अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए मार्ग-दर्शन देगा, साथ ही आर्द्रभूमि के संरक्षण, प्रबंधन और सही उपयोग के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के आवेदन में सहायता करेगा।
- भारत में लगभग 4.6 प्रतिशत जमीन आर्द्रभूमि है, जिनका क्षेत्रफल 1.526 करोड़ हेक्टेयर है और 42 स्थान अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों (रामसर साइट्स) के रूप में नामित हैं, जिनका क्षेत्रफल 10.8 लाख हेक्टेयर है।
- वर्ष 2021 को 2 फरवरी, 1971 को रामसर में रामसर समझौते पर हस्ताक्षर की 50वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है, इसी दिन विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है।